Big decision of SC in B.Ed vs BSTC dispute: बीएसटीसी-बीएड विवाद काफी चर्चा में रहा है। काफी लम्बे समय से विवाद चल रहा था सुप्रीम कोर्ट ने इस पर बड़ा फैसला सुनाया है जिसके बाद से यह विवाद खत्म हुआ।
सुप्रीम कोर्ट में के अहम फैसला सुनाया है जिससे की बीएसटीसी वालो को काफी राहत मिली है। अब प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अब बीएसटीसी वाले ही पात्र होंगे, बीएड वालो को अपात्र माना गया है। बीएसटीसी की तैयारी कर रहे लाखो अभ्यर्थियों को राहत की खबर मिली है।
राजस्थान राज्य का बीएसटीसी बीएड विवाद काफी लम्बे समय से चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सही और सटीक फैसला सुनाया है। माना जा रहा है की इस फैसले से भारत के अन्य राज्यों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जो भी बीएड धारी होंगे उनको प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अपात्र माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने यह आदेश जारी किया है।
बता दे की इस मुद्दे पर राजस्थान सरकार के वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की पॉलिसी पर मुहर लगाई है।
बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन जो की 30 मई 2018 को जारी किया गया था उसे भी रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अपने इस फैसले में बीएसटीसी को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए पात्र माना है। वही बीएड वालो को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के अपात्र माना है।
बीएसटीसी और बीएड धारियों के बीच काफी विवाद च रहा था। राजस्थान सहित देशभर में थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती लेवल 1 के लिए बीएसटीसी धारियों और इसके समकक्ष को ही पात्र माना जाता था।
इसके साथ ही लेवल 2 के लिए बीएड धारियो को पात्र माना जाता था। इसी बीच 28 जून 2018 को एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसके अंतर्गत यह कहा गया था की लेवल 1 के लिए बीएड धारी भी पूर्ण रूप से पात्र होंगे। इसके बाद से पुरे देशभर में बीएसटीसी-बीएड विवाद शुरू हो गया था।
एनसीटीई के नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया था की नियुक्ति मिलने के बाद बीएड धारियों को 6 महीना में ब्रिज कोर्स भी करना होगा। इस फैसले से काफी याचिकाए हाइकोर्ट में लगाई गई थी। हाईकोर्ट में इस नोटिफिकेशन के खिलाफ और पक्ष में काफी याचिकाए दायर की गई थी।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीएसटीसी धारियों के पक्ष में फैसला सुनाया। अब बीएसटीसी के तमाम वे स्टूडेंट जो लेवल 1 में जाने का सपना सजोये हुए है उन्हें बड़ी राहत मिली है। बीएड धारियो को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अपात्र बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है।